मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर निवासी एक हिस्ट्रीशीटर रौनक गुर्जर ने वह कर दिखाया जो अच्छे अच्छे के बस की बात नहीं है। एक समय उसके नाम से लोग कांपते थे।
5 साल पहले रौनक ने एक से 50 हजार और एक से 5 लाख की रंगदारी भी मांगी थी। मोंटी गुर्जर को गोली मारने के बाद वह फरार था। उसने फायरिंग भी की थी।
रौनक गुर्जर अब नियमित रामायण पाठ करता है। इसी से उसके जीवन में बदलाव आया है। अब वह धार्मिक प्रवृत्ति का हो गया है।
रौनक ने बताया कि भगवान राम ने कहा कि अपनी मां के लिए चमड़े से खडाउं भी बनाव दें तो कम है। इसी बात से प्रेरित होकर अपने चमड़े से मां के लिए चरण पादुका बनवाई है।
रौनक ने खुद अपनी जांच की चमड़ी एक अस्पताल में जाकर निकलवाई, इस बारे में घर पर भी कुछ नहीं बताया और मोची से चप्पल बनवाकर मां को पहनाई।
हिस्ट्रीशीटर रौनक ने 14 से 21 मार्च तक अपने घर के समीप श्रीमद्भागवत कथा करवाई, तभी अपनी मां को चप्पल भी पहनाई।
कथा के दौरान व्यासपीठ पर बैठे महाराज द्वारा जब ये बात बताई गई तो वहां मौजूद सभी की आंखों से आंसू बहने लगे। रौनक की मां भी अपने आंसू नहीं रोक पाई।