Hindi

AI जेनोबग से निकलेगा पॉल्यूशन का सॉल्यूशन, जानें कहां और कैसे?

Hindi

भोपाल के वैज्ञानिकों ने कर दिखाया कमाल

भोपाल में वैज्ञानिकों ने तैयार किया अनोखा AI टूल 'जेनोबग', जो अदृश्य बैक्टीरिया और जहरीले केमिकल्स को पहचानकर प्रदूषण का हल खोजने में सक्षम है। जानें कैसे करेगा कमाल।

Image credits: pixal
Hindi

AI का नया कमाल — ‘जेनोबग’

भोपाल के IISER वैज्ञानिकों ने तैयार किया ऐसा AI टूल जो जहरीले केमिकल्स को पहचानकर उन्हें बायोडिग्रेड कर सकता है। अब AI देगा पॉल्यूशन का सॉल्यूशन।

Image credits: pixal
Hindi

क्या है ‘जेनोबग’?

भोपाल के IISER वैज्ञानिकों ने तैयार किया ऐसा AI टूल जो जहरीले केमिकल्स को पहचानकर उन्हें बायोडिग्रेड कर सकता है। अब AI पॉल्यूशन का सॉल्यूशन देगा।

Image credits: pixal
Hindi

कैसे करता है काम?

यह टूल मशीन लर्निंग, न्यूरल नेटवर्क और कीमोइन्फॉर्मेटिक तकनीकों का उपयोग करता है। यह अज्ञात बैक्टीरिया और एंजाइम्स की पहचान भी कर सकता है।

Image credits: pixal
Hindi

पर्यावरण सुरक्षा में क्रांति

जेनोबग की मदद से वैज्ञानिक पहले से ही प्रदूषण की आशंका को पहचान सकेंगे और तुरंत बायो-रिमेडिएशन की रणनीति बना सकेंगे।

Image credits: pixal
Hindi

किन चीजों से करेगा निपटारा?

यह टूल प्लास्टिक, भारी धातु, कीटनाशक, औद्योगिक कचरा और औषधीय अपशिष्ट जैसे प्रदूषकों को पहचानकर उनका जैविक समाधान सुझा सकता है।

Image credits: pixal
Hindi

कैसे हुआ निर्माण?

शोधकर्ताओं ने जेनोबग को 3.3 मिलियन एंजाइम अनुक्रम और 16 मिलियन एंजाइम डेटा से प्रशिक्षित किया। इसमें 6,814 सब्सट्रेट्स की भी जानकारी है।

Image credits: pixal
Hindi

स्वच्छ पर्यावरण की नई उम्मीद

AI आधारित यह रहस्यमयी तकनीक पर्यावरण संकटों को समझने और हल करने का सशक्त माध्यम बन सकती है। यह भविष्य की दिशा तय कर सकती है।

Image credits: pixal
Hindi

वैज्ञानिकों का क्या कहना है?

 IISER भोपाल के प्रोफेसर विनीत शर्मा के अनुसार, “Genobug पारंपरिक तकनीकों की तुलना में ज्यादा सटीक, तेज और किफायती समाधान देता है। प्रदूषण नियंत्रण में गेम चेंजर साबित होगा।”

Image credits: pixal

MP में बिजली भी होगी मोबाइल जैसी! खपत जितनी, रिचार्ज उतना- जानें कैसे?

अब घर का एड्रेस होगा डिजिटल! ऑनलाइन मिलेंगी ये 5 खास सुविधाएं

Mukhyamantri Kanya Vivah Yojana: क्यों हर लड़की को उठाना चाहिए फायदा?

कहां लगेगी विवेकानंद की विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति- कौन है मूर्तिकार?