इंदौर से राजस्थान के भिक्षावृत्ति के चौंकाने वाले मामले का पर्दाफाश हुआ है। जहां भिखारियों की ऐसी गैंग मिली है जो दिन भर भीख मांगती है और रात में लग्जरी होटलों में आराम करती है।
इंदौर के महिला बाल विकास विभाग ने हाल ही में सरवटे बस स्टैंड स्थित एक होटल में कार्रवाई की, जहां राजस्थान से 11 महिलाएं और 11 नाबालिग बच्चे भीख मांगने के लिए इंदौर पहुंचे थे।
प्रशासन की यह मुहिम भिक्षावृत्ति मुक्त इंदौर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इंदौर कलक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर महिला बाल विकास विभाग की कई टीमों ने मिलकर यह अभियान चलाया।
चाइल्ड हेल्पलाइन को मिली एक गोपनीय सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई। शिकायत में बताया गया था कि कुछ लोग इंदौर के चौराहों और बाजारों में घूमकर भीख मांग रहे हैं।
जांच के बाद पाया गया कि यह जानकारी सही थी। उनके पास से अच्छी खासी रकम बरामद हुई है। रेस्क्यू की गई महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित रूप से उनके घर वापस भेज दिया गया है।
इस दौरान उन्हें चेतावनी भी दी गई है कि यदि वे फिर से इंदौर में नजर आए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने कहा है कि भिक्षावृत्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही होटल, लॉज और आश्रम संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों को ठहरने की अनुमति न दें। इंदौर में भिक्षावृत्ति करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
यदि किसी भी ठिकाने पर ऐसे लोग रुके मिले तो वहां के संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम न केवल भिक्षावृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए महत्वपूर्ण है।
समाज में जागरूकता फैलाने का भी एक प्रयास है, ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो सके। प्रशासन की इस मुहिम की हर कोई सराहना कर रहा है।