Hindi

कहीं पत्थर से बहता खून, कहीं देवी मां करतीं बात...अमेजिंग हैं 10 मंदिर

Hindi

नवरात्रि पर्व उत्सव

3 अक्टूबर यानि गरुवार से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। 9 दिन तक चलने वाले नवरात्र में देवी मां की उपासना होती है। पूर देशभर में यह उत्सव पवित्रा और धूमधाम से मनाया जाता है।

Image credits: social media
Hindi

मां शारदा का मंदिर, मैहर

एमपी के मैहर में मां शारदा का मंदिर है, मान्यता है कि माता के दर्शन सबसे पहले आल्हा और उदल करते हैं। दोनों मां का श्रंगार करते हैं और देवी उनसे बात करती हैं।

Image credits: social media
Hindi

कामाख्या देवी मंदिर, असम

कामाख्या देवी मंदिर, जो असम के निलाचल पहाड़ी पर है। मान्यता है यहां एक पत्थर से पानी हमेशा निकलता है, वहीं महीने में एक दिन खून की धारा बहती है, जिसका पता वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाए

Image credits: social media
Hindi

निवाड़ी का उछरू माता मंदिर

MP के निवाड़ी में एक ऐसा देवी मां का मंदिर है, जहां कुंड के जरिए मां भक्तों को मनोकामना पूरी करती हैं। मान्यता है कि यहां पर मां कुंड से आने वाले हर भक्त से संवाद भी करती हैं।

Image credits: social media
Hindi

ज्वाला देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश

ज्वाला देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश में है। जहां माता सती के जीभ के प्रतीक के रूप में धरती से ज्वाला निकलती है। यह ज्वाला कहां से निकलती हैं इसका कोी पता नहीं लगा पाया है।

Image credits: social media
Hindi

करणी माता मंदिर, बीकानेर

करणी माता मंदिर, जो कि राजस्थान के बीकानेर में है, जहां 20000 चूहे रहते है। कहा जाता है कि दूसरे देश की सेना ने जब मंदिर पर हमला किया तो माता ने इन सैनिको को चूहा बना दिया था।

Image credits: social media
Hindi

मां दंतेश्‍वरी मंदिर, दांतेवाड़ा

मां दंतेश्‍वरी मंदिर, छत्तसीगढ़ के दांतेवाड़ा में है। जो 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस स्‍थान पर मां सती का दांत गिरा था। यहां लुंगी-धोती पहनकर ही देवी मां के दर्शन करते हैं।

Image credits: social media
Hindi

दुर्गा परमेश्‍वरी मंदिर, मंगलूरू

दुर्गा परमेश्‍वरी मंदिर, जो कि कर्नाटक के मंगलूरू में स्थित है। यहां भक्त मां के दर्शन के बाद एक-दूसरे पर अंगारे फेंकते हैं। लेकिन किसी को चोट तक नहीं आती है।

Image credits: social media
Hindi

नैना देवी मंदिर, नैनीताल

नैना देवी मंदिर, नैनीताल में झील के किनारे पर है। कहा जाता है कि इसी झील में देवी सती के नेत्र गिरे थे। इसके चलते ही यहां नैना देवी मंदिर का निर्माण हुआ। यहां हर मुराद पूरी होती है

Image Credits: social media