Hindi

बिना माचिस दीया जलाने वाले बाबा सियाराम: जानें उनके 11 अनसुने किस्से

Hindi

बाबा सियाराम का 110 साल की उम्र में हुआ निधन

MP के निमाड़ के आध्यात्मिक गुरु बाबा सियाराम का 110 वर्ष की उम्र में 11 दिसंबर को निधन हो गया। उनकी सेवा, विनम्रता और सादगी के लोग कायल हैं। यहां जानें बाबा के 11 अनसुने किस्से।

Image credits: X
Hindi

1. कहां से शुरू हुई बाबा की आध्यात्मिक यात्रा?

बाबा सियाराम का प्रारंभिक जीवन और आध्यात्मिक यात्रा मध्य प्रदेश के विशेष रूप से निमाड़ में शुरू हुई। कम उम्र में ही अध्यात्म में गहरी रुचि दिखाने के बाद वे एक प्रिय संत बन गए।

Image credits: x
Hindi

2. भगवान शिव के उपासक थे बाबा

उनका नर्मदा नदी से गहरा लगाव था। बाबा सियाराम भगवान शिव के उपासक थे और उन्हें सबसे पवित्र मानते थे। नर्मदा के तट पर उन्होंने आत्मज्ञान और दिशा की खोज में कई घंटों तक ध्यान लगाया।

Image credits: X
Hindi

3. प्रकृति और ईश्वर से घनिष्ठ संबंध रखने का किया आग्रह

बाबा की शिक्षाओं में करुणा, प्रेम और निस्वार्थ सेवा पर ज़ोर दिया गया। उन्होंने अपने अनुयायियों से प्रकृति और ईश्वर से घनिष्ठ संबंध रखने का आग्रह किया, क्योकि वो सब को एक मानते थे।

Image credits: X
Hindi

4. निमाड़ आश्रम में क्या होता है?

बाबा ने निमाड़ आश्रम की स्थापना की, जो एक आध्यात्मिक आश्रम था, जहां गरीबों को भोजन, आश्रय और शिक्षा मिलती है। उन्होंने अपना जीवन जरूरतमंद लोगों को बेहतर बनाने में समर्पित कर दिया।

Image credits: X
Hindi

5. बिना माचिस के जलाते थे दीपक

एक चमत्कारी बात यह है कि बाबा सियाराम बिना माचिस जलाये अपने हाथ से दीया जलाने में सक्षम थे।

Image credits: X
Hindi

6. बाबा का सयाराम नाम कैसे पड़ा?

बाबा ने 12 साल मौन व्रत रखा था। उनकी उत्पत्ति के बारे में कोई नहीं जानता। लोग बाबा को सियाराम बाबा इसलिए कहते थे क्योंकि उन्होंने मौन व्रत तोड़ते वक्त पहला शब्द सियाराम कहा था।

Image credits: X
Hindi

7. परडे 21 घंटे करते थे रामायण का पाठ

बाबा सियाराम प्रतिदिन 21 घंटे रामायण का पाठ करते थे। बिना चश्मे के भी वे रामायण पढ़ पाते थे।  

Image credits: X
Hindi

8. लंगोटी के सिवा कभी नहीं पहना कोई कपड़ा

संत सियाराम हमेशा लंगोटी पहने रहते थे, चाहे मौसम कैसा भी हो, चाहे ठंड हो, बारिश हो या फिर गर्मी। भक्तों के मुताबिक, बाबा ने दस साल तक तपस्या की।

Image credits: X
Hindi

9. बाबा कभी भी 10 रुपए से ज्यादा नहीं लेते थे दान

बाबा आश्रम में आने वाले भक्तों से सिर्फ 10 रुपये ही लेते थे। सेवादार 10 रुपये ले लेता था और अगर कोई ज्यादा दान देता है तो बाकी रकम लौटा देता था।

Image credits: X
Hindi

10. बाबा ने नर्मदा घाट के जीर्णोद्धार के लिए 2.57 करोड़ा का दिया दान

सियाराम बाबा ने नर्मदा घाट के जीर्णोद्धार और रेन शेल्टर शेड बनाने के लिए 2 करोड़ 57 लाख रुपए दिए। उन्हें यह रकम आश्रम के डूब क्षेत्र के लिए भुगतान के तौर पर मिली थी। इसके अलावा

Image credits: X
Hindi

11. राममंदिर निर्माण में 2 लाख व देवी मंदिर में दिया था 25 लाख का चंदा

बाबा ने नागलवाड़ी धाम और खारघर इंदौर की सीमा पर जामगेट के पास विंध्यवासिनी मां पार्वती मंदिर में 25 लाख और अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण में भी 2 लाख रुपए भेंट किए थें।  

Image credits: X

सीनियर्स प्राइड: जहां 60+ को मिलेगी होटल जैसी सुविधा और भरपूर खुशियां

मुंबई के लिए स्पेशल ट्रेन: जानिए रूट, ठहराव और बुकिंग की पूरी डिटेल

आपके घर का बिजली बिल हो जाएगा जीरो, बस करना होगा ये काम

सर्दियों में उदयपुर: वर्ल्ड टॉप 15 डेस्टिनेशन में शामिल, जानें खासियत