मध्य प्रदेश RTO का पूर्व हवलदार सौरभ शर्मा कौन है। एक डाक्टर का बेटा अनुकंपा नियुक्ति के बाद 7 साल में कैसे बन गया करोड़पति। उसके धंधे में मां-पत्नी और दोस्त का कितना है रोल।
सौरभ शर्मा मूलत: ग्वालियर का रहने वाला है। उसका मकान विनयनगर में शब्दप्रताप आश्रम के पास है। कई सालों से सौरभ शर्मा ग्वालियर छोड़कर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रहने लगा है।
सौरभ के पिता आरके शर्मा सरकारी डॉक्टर थे, लेकिन 2015 में उनका निधन हो गया, जिसके बाद सौरभ को परिवहन विभाग में अनुकंपा पर नौकरी मिली। महज 7 साल की सेवा के बाद उसने नौकरी छोड़ दी।
वीआरएस लेने के बाद वह कंस्ट्रक्शन और प्रॉपर्टी के कारोबार में कदम रखा। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने वीआरएस लेने से पहले काली कमाई की और इसे प्रॉपर्टी में निवेश किया।
इसी से जुड़ी दूसरी कार्रवाई ने पूरे देश मे तहलका मचा दिया। जब भोपाल के मेंडोरा जंगल में लावारिस इनोवा क्रिस्टा मिली, जिसमें आरटीओ का लोगो लगा था और परिवहन विभाग लिखा था।
उसमें 55 किलो सोना और 15 करोड़ कैश मिले। जब पुलिस ने कार की जानकारी निकाली तो पता चला कि यह कार चेतन सिंह गौर की है, जो सौरभ का बचपन का दोस्त और जयपुरिया स्कूल समिति में सचिव था।
जयपुरिया स्कूल समिति में ही सौरभ शर्मा की मां उमा शर्मा चेयरमैन हैं। जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
चेतन सिंह गौर ग्वालियर के लक्कड़खाना स्थित बड़ौदा कोठी का रहने वाला है। हालांकि लम्बे समय से वो भोपाल में रह रहा है, जहां उसका पेट्रोल पंप भी है। ग्वालियर में उसके पिता रहते हैं।
इस समय सब फरार हैं। यहां के नौकरों ने बताया कि परिवार कही शादी में गया है। कार चेतन सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है और वो सौरभ का ही माल छिपाने जा रहा था।
वर्तमान में दुबई में रह रहे सौरभ शर्मा ने पत्नी, मां, साली, चेतन सिंह गौड़ और शरद जायसवाल के नाम पर संपत्ति खरीदने, होटल और भोपाल में जयपुरिया स्कूल का संचालन भी शुरू किया था।