एमपी हाईकोर्ट ने एक बलात्कार का केस खारिज कर दिया है। इस मामले में कोर्ट ने कहा कि दोनों ने स्वेच्छा से संबंध बनाए थे।
दरअसल एक युवक और युवती पिछले दस साल से लिव इन में रह रहे थे। इसके बाद युवती ने अपने पार्टनर के खिलाफ रेप केस दर्ज कराया था।
युवती ने अपने पार्टनर के खिलाफ तब केस दर्ज कराया, जब युवक ने शादी करने से इंकार कर दिया।
इस मामले में कोर्ट ने कहा कि युवक युवती स्वेच्छा से 10 साल से रिलेशन में थे। इसलिये ये मामला कानून की प्रक्रिया का दुरूपयोग प्रतीत होता है।
जिस युवती ने कोर्ट में केस दर्ज कराया, वह मध्यप्रदेश के कटनी जिले की रहनेवाली है। उसने नवंबर 2021 में केस दर्ज कराया था। जिसका फैसला अब आया है।
दोनों ने 10 साल तक अपनी मर्जी से संबंध बनाए। फिर युवक ने शादी से इंकार कर दिया। इसका मतलब यह नहीं की उसके खिलाफ बलात्कार का केस किया जाए।
जस्टिस ने कहा दोनों ने स्वेच्छा से संबंध बनाएं। इसे बलात्कार नहीं माना जा सकता है। बल्कि ये कानून की प्रक्रिया का दुरूपयोग है।
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