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कौन थीं रानी दुर्गावती, जिनका पीएम मोदी ने किया गुणगान

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मोदी ने रानी दुर्गावती के चरणों में समर्पित की श्रद्धांजलि

पीएम मोदी ने शहडोल के लालपुर पहुंचे। मोदी ने रानी दुर्गावती के चरणों में श्रद्धांजलि समर्पित करते हुए कहा-मैं सौभाग्यशाली हूं जो रानी दुर्गावती जी की धरती पर आने का मौका मिला।

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दुर्गावती का दुर्गाष्टमी पर हुआ था जन्म

रानी दुर्गावती भारत की एक प्रसिद्ध वीरांगना थीं, उनका जन्म उत्तर प्रदेश के बांदा में 5 अक्टूबर 1524 को हुआ था।  दुर्गाष्टमी पर जन्म के कारण ही उनका नाम दुर्गावती रखा गया।

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गोंडवाना राज्य की रानी थीं दुर्गावती

रानी दुर्गावती अपने नाम के अनुरूप थीं, उमें तेज, साहस, शौर्य और सुंदरता थी। उन्होंने मध्यप्रदेश में शासन किया। उनका राज्य गोंडवाना में था।

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चंदेल वंश के शासक थे रानी दुर्गावति के पिता

पिता कीरत राय चंदेल वंश के शासक थे। दुर्गावती को बचपन से ही तीरंदाजी, तलवारबाजी और घुड़सवारी का शौक था।1542 में 18 साल की उम्र में उनकी शादी दलपत शाह से कर दी गई।

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शादी के 4 साल बाद दुर्गावती के पति का निधन

विवाह के 4 साल बाद ही उनके पति राजा दलपतशाह का निधन हो गया। उस समय दुर्गावती का पुत्र नारायण 3 वर्ष का ही था। ऐसे में रानी ने राज्य का शासन संभाल लिया।

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मुगलों को घुटनों टेकने पर किया मजबूर

15वीं शताब्दी में जब मुगलों का साम्राज्य पूरे भारत में फैल रहा था तो कइ हिंदू राजाओं ने मुगलों के सामने घुटने टेक दिए थे। रानी ने मुगल सेना को बार-बार युद्ध में परास्त किया।

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गोंडवाना की रानी थीं दुर्गावती

1556 में मालवा के सुल्तान बाज बहादुर ने हमला बोला तो दुर्गावती ने उनको धूल चटा दी। अकबर ने गोंडवाना पर हमला बोला तो दुर्गावती ने मोर्चा संभाला  पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।

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अपने सीने में उतार ली थी कटार

युद्ध में उन्हें भी तीर लगे तो उन्हें लगा कि उनका जीतना संभव नहीं है। उन्होंने अपने मंत्री से उनकी जान लेने को कहा। मंत्री ऐसा नहीं किया तो दुर्गावती ने अपने सीने पर कटार उतार ली।

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