पंडोखर सरकार V/s बागेश्वर महाराज की लड़ाई फिर से चर्चा में है, अब धीरेंद्र शास्त्री के पर्चा सिस्टम पर सवाल उठाए गए हैं
पंडोखर सरकार ने 8 जून को इंदौर में एक कार्यक्रम में बिना नाम लिए पर्चा बनाने वालों को लुटेरा कहते हुए बागेश्वर महाराज को खुला चैलेंज किया
गुरु शरण शर्मा कान्यकुब्ज ब्राह्मण हैं, जो 1992 में पंडोखर सरकार धाम की गद्दी पर बैठे थे
गुरु शरण शर्मा यानी पंडोखर सरकार का जन्म मप्र के भिंड जिले की लहार तहसील के गांव बरहा में 1983 में हुआ था
पंडोखर सरकार का दरबार पहले अमावस्या से पंचमी तक ही लगता था, लेकिन अब रोज लगने लगा है
पंडोखर धाम मप्र के दतिया जिले की भांडेर तहसील में है, कहते हैं कि यहां आने से मन्नतें पूरी होती हैं
पंडोखर सरकार को उनके अनुयायी त्रिकालदर्शी मानते हैं, यानी उन्हें भूत-वर्तमान और भविष्य तीनों की जानकारी होती है
बागेश्वर महाराज के नाम से प्रसिद्ध धीरेंद्र शास्त्री एक कथावाचक हैं। बागेश्वर धाम मप्र के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में हनुमानजी को समर्पित एक धार्मिक स्थल है