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Janmashtami 2023: विठोबा मंदिर, जहां कृष्ण भक्त से मिलने आए थे

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ऐसी ही पंढरपुर के विठोबा मंदिर की कहानी

6वीं सदी में एक प्रसिद्ध संत पुंडलिक हुए, वे श्रीकृष्ण के साथ-साथ अपने माता-पिता के भी परम भक्त थे, मान्यता है कि एक बार स्वयं भगवान श्रीकृष्ण उनसे मिलने आए थे

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श्रीकृष्ण का विट्ठल नाम क्यों पड़ा?

जब श्रीकृष्ण संत पुंडलिक से मिलने आए, तब वे पिता के पैर दबा रहे थे, पुंडलिक ने उन्हें इंतजार करने को कहा, तब श्रीकृष्ण कमर पर दोनों हाथ रखकर खड़े रहे, उनका यही स्वरूप विट्ठल कहलाया

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चंद्रप्रभा या भीमा नदी के तट पर है विट्ठर मंदिर

पंढरपुर स्थित भगवान श्रीकृष्ण का ये मंदिर काफी प्राचीन है, इसके किनारे चंद्रप्रभा या भीमा नदी बहती है, मंदिर परिसर में ही भक्त चोखामेला और संत नामदेव की समाधि है

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कैसे पहुंच सकते हैं पंढरपुर विट्ठल मंदिर‌?

पंढरपुर का नजदीकी रेलवे स्टेशन कुर्दुवादि है, महाराष्ट्र के सभी शहरों से पंढरपुर सड़क मार्ग से जुड़ा है, नॉर्थ कर्नाटक और उत्तर-पश्चिम आंध्रप्रदेश से भी बसें चलती हैं

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पंढरपुर विट्ठल मंदिर का नजदीकी एयरपोर्ट?

पंढरपुर का निकटतम हवाईअड्डा पुणे है, जो यहां से लगभग 245 किलोमीटर की दूरी पर है

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कब हुआ था विठोबा मंदिर का निर्माण?‌

मंदिर का निर्माण होयसल साम्राज्य के राजा विष्णुवर्धन ने 1108-1152 ई. के बीच करवाया था, मंदिर में 1237 ई.पू. का होयसल राजा वीरा सोमेश्वर का एक शिलालेख भी है

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