महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा से इस्तीफा देकर अक्कलकुवा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं हीना गावित ने महायुति गठबंधन के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। जानें उनके चुनावी सफर की पूरी कहानी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में इस बार फिर कई दिलचस्प मुकाबले देखने को मिल रहे हैं, जिनमें भाजपा के लिए एक सीट अक्कलकुवा सीट बड़ा सिरदर्द बन चुकी हैं।
यहां से भाजपा की पूर्व सांसद डॉ. हीना गावित ने पार्टी से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
दिलचस्प बात यह है कि उनके पिता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री विजय कुमार गावित पड़ोस के निर्वाचन क्षेत्र नंदुरबार से भाजपा के ही टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।
विजय गावित पिछले 30 सालों से नंदुरबार सीट पर जीत दर्ज करते आ रहे हैं। उनके खिलाफ पहले आपराधिक मामले भी थे, लेकिन इस बार के हलफनामे में उन्होंने बताया है कि अब कोई केस नहीं है।
डॉ. हीना गावित, जो पेशे से डॉक्टर हैं, 2014 और 2019 में नंदुरबार से लोकसभा के लिए चुनी गई थीं, लेकिन 2024 के चुनाव में उन्हें कांग्रेस के जी के पाडवी से हार का सामना करना पड़ा।
महायुति के तहत अक्कलकुवा सीट शिवसेना के हिस्से में आई, जहां से शिवसेना ने आमश्या फुजली पाडवी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं एमवीए से कांग्रेस के एडवोकेट केसी पाडवी भी मैदान में हैं।
हीना गावित ने इसके विरोध में भाजपा से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी पर आरोप लगाया कि शिवसेना के स्थानीय नेता कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं, जिससे महायुति में दरार पड़ रही है।
महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले की चेतावनी पर कई नेताओं ने अपने नामाकंन वापस ले लिया था, लेकिन हीना गावित जैसी नेता अब भी मैदान में डटी हैं।
हीना गावित का यह कदम महाराष्ट्र के महायुति गठबंधन के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है और उनके मैदान में उतरने से अक्कलकुवा सीट का मुकाबला और भी रोमांचक हो गया है।