महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) से औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर नागपुर में हिंसा भड़क उठी। कई वाहन फूंक दिए गए और 20 से ज्यादा लोग घायल हैं।
नागपुर में हिंसा भड़कने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने औरंगजेब कब्र संभाजीनगर की सुरक्षा बढ़ा दी है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की मांग है कि ऐसे क्रूर शासक का निशान नहीं रहना चाहिए।
नागपुर में जिस औरंगजेब की कब्र को लेकर हिंसा भड़की, वह महाराष्ट्र के औरंगाबाद (संभाजीनगर) से 25 किलोमीटर की दूर खुल्दाबाद में है। इतिहासकारों के मुताबिक, 1707 में यह कब्र बनी।
बताया जाता है कि औरंगजेब की कब्र पहले एक साधारण मिट्टी की बनी हुई थी, जिसमें बाद में ब्रिटिश वायसरॉय लॉर्ड कर्जन ने संगमरमर लगवाया था।
सवाल यह भी उठता है कि जिस औरंगजेब ने आगरा और दिल्ली से हिन्दुस्तान में शासन किया उस बादशाह की कब्र आखिर औरंगाबाद में क्यों बनाई गई। इसके पीछे का क्या कारण है।
औरंगजेब ने अपनी वसीयत में लिख गया था कि उसे उसके आध्यात्मिक गुरु शेख जैनुद्दीन की दरगाह के पास दफनाया जाए। क्योंकि मैंने इतने पाप किए हैं अल्लाह भी माफ नहीं करेगा।