कनाडा पंजाबियों की पहली पसंद वाला देश है। लेकिन अब भारत और भारत और कनाडा के रिश्ते अब ठीक नहीं चल रहे हैं। खासकर कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद तनाव बढ़ गया है।
पंजाब के हर युवा कनाडा जाना चाहता है। वहीं नौकरी करके बसना भी चाहता है, वहां जाने का इतना क्रेज है कि कई तो अपने घर-जमीन बेंचकर जल्दबाजी में ठगी का शिकार हो जाते हैं।
2021 की जनगणना के मुताबिक, कनाडा में सिखों की संख्या 7 लाख के करीब है। सबसे पहला कारण यही है कि पंजाबी ज्यादा संख्या में मौजूद हैं। इसलिए उन्हें वहां रहने में आसानी होती है।
पंजाबियों के सबसे ज्यादा रिश्तेदार कनाडा में रहते हैं, इसलिए उनको वहां का वीजा भी आसानी से मिल जाता है। इसलिए भी पंजाब के युवा कनाडा ही जाना चाहते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाबियों को कनाडा में आसानी से रोजगार या बिजनेश सेट हो जाता है। क्योंकि उनके रिश्तेदार इसमें मदद करते हैं। इसलिए भी कनाडा पहली पसंद है।
वहीं पंजाबी परिवार का मानना है कि अगर उनका बच्चा पंजाब में रुका तो वह नशे की दलदल में फंस जाएगा। इसलिए पैरेंट्स बच्चों को कनाडा भेजते हैं।
अन्य देशों के मुकाबले पंजाबियों को यहां पर नागरिकता लेना सबसे ज्यादा आसान है। इसलिए वह कनाडा जाना पसंद करते हैं। कनाडा के 20 से ज्यादा शहर ऐसे हैं जहां हर चौथा शख्स पंजाबी है।