अपने पानी के जहाज को समुद्र में तैरते हुए देखा होगा। लेकिन राजस्थान में यह किसी समुद्र में तैरता नहीं बल्कि इसके आकार का एक मंदिर है।
राजस्थान के जालौर जिले के मांडवला गांव में यह मंदिर बना हुआ है। जो बिल्कुल एक जहाज की तरह ही दिखता है।
यह राजस्थान के जालौर जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर बना हुआ है। जिसे देखने के लिए केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि विदेश से भी पर्यटक आते हैं।
इस मंदिर के पीछे गुरु और शिष्य की कहानी है। जिनकांति सूरीसागर का देहांत 4 दिसंबर 1985 को हो गया। उनके शिष्य गुरु की याद में स्मारक बनवाना चाहते थे।
वे मुंबई में चातुर्मास के लिए गए तो वहां तारण-तीरण जहाज का नाम सुना। इसके बाद इस मंदिर का निर्माण करवाया गया है। मंदिर का डिजाईन मुंबई के इंजीनियर द्वारा तैयार किया गया था।
मंदिर पर एक कलश टंकी के रूप में है। जिसमें बारिश और अन्य स्रोतों का पानी एकत्रित किया जाता है। जिससे पूरे गांव के लोगों की प्यास बुझाई जाती है।