ऑपरेशन सिंदूर से चर्चा में आईं कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के हर तरफ चर्चा में हैं। इसी बीच जानिए राजस्थान की बेटी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रेरणा सिंह की कहानी।
कर्नल प्रेरणा सिंह, जोधपुर की रहने वाली हैं और भारतीय सेना में इंजीनियरिंग कोर में सैन्य अधिकारी हैं। जिन्होंने शादी के बाद भी अपनी वर्दी, कर्तव्य और परंपरा को एक साथ जिया।
लेफ्टिनेंट कर्नल प्रेरणा सिंह की शादी 5 साल पहले हुई थी। उनके पति मंधाता सिंह एक वकील हैं। उनकी एक बेटी प्रतिष्ठा है। वे गांव धमोरा की पहली बहू हैं जो इंडियन आर्मी में है।
प्रेरणा के दादा और नाना भी सेना में थे। बचपन में उन्हें वर्दी में देखकर ही सेना में जाने का मन बनाया। उनके पिता भारतीय सेना में रिसालदार और चाचा बीएसएफ में डिप्टी कमांडेंट रहे।
सैनिक परिवार में पली-बढ़ीं प्रेरणा ने 2011 में पहली कोशिश में सेना की परीक्षा पास कर ली। वर्तमान में प्रेरणा पुणे में पोस्टेड हैं और अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभा रही हैं।
शादी के बाद वह धमोरा गांव की पहली बहू बनीं जो सेना में अफसर हैं। घर में पारंपरिक राजपूती पहनावे में रहना पसंद करती हैं, लेकिन ड्यूटी पर जाते ही वर्दी उनका आत्मबल बन जाती है।
प्रेरणा राजपूती परंपरा में रची-बसी हैं, लेकिन सोच आधुनिक है। उनकी हर सांस में सिर्फ और सिर्फ देशभक्ति है। वह घूंघट में रहकर भी देश की रक्षा की सोच रखती हैं।
प्रेरणा जैसी महिलाएं ही 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसे अभियानों को असल पहचान देती हैं। यह साबित करती है कि मांग का सिंदूर सिर्फ रिश्ते की पहचान नहीं, बल्कि हौसले की भी मिसाल है।
प्रेरणा जितनी जिम्मेदारी से देश की सेवा कर रही हैं। उसी के साथ अपने परिवार का भी ध्यान रखती हैं। अपने छोटे से बच्चे पर भी दुलार लुटाती रहती हैं। उनके पति भी उन्हें सपोर्ट करते हैं।