राजस्थान के जैसलमेर में एक ऐसा एकमात्र भगवान रामदेव का मंदिर हैं, जहां श्रद्धालु कोई हीरे-मोती नहीं बल्कि घोड़े चढ़ाते हैं। क्योंकि यहां हर मन्नत पूरी होती है।
दरअसल, यहां श्रद्धालु असल के नहीं, बल्कि रूई और लकड़ी के बने घोड़े बाबा को चढ़ाते हैं। हालांकि कई श्रद्धालुओं ने जीवित घोड़े भी चढ़ना शुरू कर दिया है।
इन घोड़े की देखभाल के लिए मंदिर कमेटी की तरफ से एक रिजर्व एरिया भी बनाया गया है जिसमें कई कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। जो घोड़ों की देखभाल करते हैं।
बताया जाता है कि बाबा रामदेव खुद भी नीले घोड़े की सवारी करते थे। बाबा रामदेव के निधन के बाद उनका घोड़ा प्रसिद्ध हो गया ऐसे में बाबा रामदेव को घोड़ा चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई।
श्रद्धालु अब केवल जीवित ही नहीं बल्कि चांदी से बने घोड़े भी चढ़ाते हैं। बीते दिनों यहां एक भक्त ने बाबा रामदेव को चांदी से बना घोड़ा भी चढ़ाया था। जिसकी कीमत लाखों रुपए में है।
भगवान रामदेव का यह मेला केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि देश-विदेश में भी मशहूर है। यहां हर साल हजारों लकड़ी और रुई और असल के जीवत घोड़े चढ़ाए जाते हैं।