यह दुर्लभ शंख गुजरात के जामनगर स्थित बेट द्वारिका समुद्र से प्राप्त हुआ है।
यह शंख दो फीट लंबा और 10 इंच चौड़ा है। इसे बजाने के बजाय मंदिरों में जल अर्पण के लिए उपयोग किया जा सकता है।
इंद्र पवार का कहना है कि इस शंख की कीमत 6 लाख रुपये है और वह इसे कम में नहीं बेचने के लिए तैयार हैं।
नासिक से आए इंद्र पवार बंजारा समुदाय के सदस्य हैं। उनका यह महाकुंभ में पहला अनुभव है।
500 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक के छोटे-बड़े शंख यहां उपलब्ध हैं।
इंद्र पवार बताते हैं कि इस शंख का आध्यात्मिक महत्व बहुत ज्यादा है और इसे पूजा में जल अर्पण के लिए ही उपयोग किया जाता है।
यह शंख महाकुंभ में श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का केंद्र बन चुका है।
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