Uttar Pradesh
यूपी के गाजियाबाद में रेबीज इंफेक्शन से 14 साल के बच्चे की तड़प-तड़पकर पिता की गोद में ही मौत हो गई, उसे डेढ़ महीने पहले कुत्ते ने काटा था, मगर उसने बात छुपाए रखी, आप ऐसा न करें
दुनिया में रेबीज से 90% मौतें कुत्ते के काटने से होती हैं, इनमें भी 40% लोग 15 साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं
रेबीज एक वायरल संक्रमण है, रेबीज बीमार कुत्ते, बिल्ली, बंदर जैसे जानवरों के काटने या उनके खरोंचने के कारण हो सकती है, ज्यादातर मामले कुत्ते के काटने से होते हैं
डॉक्टरों के मुताबिक, 72 घंटे में रेबीज का इंजेक्शन लगवाना बहुत जरूरी होता है, वर्ना फिर दवा असर नहीं करती है
एंटी रेबीज के 4 इंजेक्शन लगते हैं, पहला तुरंत, दूसरा तीसरे दिन, तीसरा 7वें दिन और चौथा इंजेक्शन 28वें दिन में लगवाना होता है
रेबीज का वायरस पूरी दुनिया में हर 10 मिनट में एक व्यक्ति की जान ले लेता है, 4500 साल से आज तक मेडिकल साइंस इसका इलाज नहीं खोज पाया है
दुनिया के 150 से अधिक देश में रेबीज वायरस एक्टिव है, हर साल 59000 लोग रेबीज से मरते हैं, 95% मौतें एशिया और अफ्रीका में होती हैं
अजीब आवाजें निकालना, हवा-पानी और रोशनी से डर लगना, अंधेरे में रहना पसंद आदि
कुत्ते के भौंकने की आवाज में बदलाव का मतलब वो बीमार है, मुंह से अधिक लार निकलती हो यानी लकवा जैसी स्थिति, कुत्ता पानी से भागता हो