जानिए इंद्रजीत सरोज का राजनीतिक सफर, BSP से Sapa में बदलाव, चार बार विधायक, उपनेता विपक्ष और बेटे पुष्पेंद्र की सबसे युवा सांसद बनने की कहानी।
इंद्रजीत सरोज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं। वह उत्तर प्रदेश की मंझनपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं और वर्तमान में विधानसभा में विपक्ष के उपनेता की भूमिका निभा रहे हैं।
इंद्रजीत सरोज का जन्म 1 जनवरी 1963 को तत्कालीन इलाहाबाद (अब कौशाम्बी) जिले के नगरेहा खुर्द गांव, पश्चिम शरीरा में हुआ था। उनके पिता एक किसान थे।
सरोज ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 1985 में स्नातक किया। बचपन से ही वे डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों से प्रभावित रहे और छात्र जीवन में सामाजिक आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया।
इंद्रजीत सरोज ने राजनीति में कदम बहुजन समाज पार्टी (BSP) से रखा। कांशीराम के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने पार्टी की सेवा की और 1996 में मंझनपुर से पहली बार विधायक चुने गए।
वे कैबिनेट मंत्री भी रहे। हालांकि, 2017 में उन्हें बीजेपी के लाल बहादुर से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद मायावती से मतभेद के चलते उन्होंने 2018 में BSP छोड़ SP का दामन थाम लिया।
सपा में शामिल होने के बाद से वे अखिलेश यादव के प्रमुख रणनीतिकारों में गिने जाते हैं। वह अक्सर सपा मुखिया के खास सिपहसालारों में शामिल देखे जाते हैं।
इंद्रजीत सरोज की पत्नी का नाम पुष्पा देवी है। उनके चार संतानें हैं—तीन बेटियां और एक बेटा। उनका बेटा पुष्पेंद्र सरोज वर्ष 2024 में देश के सबसे युवा सांसद बने।
पुष्पेंद्र सरोज ने लंदन के क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी से अकाउंटिंग और मैनेजमेंट में पढ़ाई की है और 18वीं लोकसभा में कौशाम्बी से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विजयी हुए।