अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू हो चुके हैं। 17 जनवरी को जय श्री राम के नारों के बीच रामलला की मूर्ति को मंदिर परिसर में लाया गया।
रामलला की मूर्ति को एक बड़े-से ट्रक में मंदिर परिसर के भीतर लाया गया। इस दौरान भक्तों ने जय श्रीराम के नारे लगाए, जिससे पूरा परिसर गुंजायमान हो उठा।
इससे पहले रामलला की प्रतीकात्मक मूर्ति को मंदिर की परिक्रमा कराई गई। ये मूर्ति चांदी की बनी है, जिसे मंदिर भ्रमण कराया गया।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बताया- 17 जनवरी को दोपहर 1:20 के बाद जलयात्रा, तीर्थपूजन, ब्राह्मण-बटुक-कुमारी-सुवासिनी पूजन, कलशयात्रा और रामलला की मूर्ति का परिसर भ्रमण हुआ।
अनुष्ठानों के तहत दूसरे दिन सरयू नदी के तट पर ‘कलश पूजन’ किया गया। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक,सभी अनुष्ठान 21 जनवरी तक चलते रहेंगे।
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के विशेष अनुष्ठान में PM मोदी मौजूद रहेंगे। 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा के आखिर में पीएम मोदी का भाषण होगा।
राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी को करीब 8 हजार मेहमानों के पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि, इनमें से चुनिंदा लोग ही गर्भगृह में जा पाएंगे।
121 आचार्य रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़े अनुष्ठान करा रहे हैं। मुख्य आचार्य काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित हैं। राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को दोपहर 12.20 से होगा।