लखनऊ से वाराणसी तक नया 6-लेन हाईवे ₹9,500 करोड़ की लागत से बनेगा। इससे पूर्वांचल के यात्रियों और व्यापारियों को तेज़ और सुरक्षित सफर मिलेगा।
पहले जहां लखनऊ से वाराणसी पहुंचने में 6 घंटे लगते थे, अब यह सफर केवल ढाई से तीन घंटे में पूरा होगा। एक्सप्रेस रूट से यात्रा सुगम होगी।
यह हाईवे लखनऊ से शुरू होकर सुल्तानपुर, अमेठी और जौनपुर होते हुए वाराणसी तक जाएगा, जिससे पूर्वांचल के जिलों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
परियोजना में एक्सेस-कंट्रोल सिस्टम, सर्विस लेन, फ्लाईओवर, और इंटरचेंज बनाए जाएंगे ताकि यातायात सुचारू और सुरक्षित रहे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, लखनऊ-वाराणसी नया संपर्क विकास की गंगा बनकर बहेगा, जबकि सीएम योगी ने इसे ‘प्रदेश की रीढ़’ बताया।
इस प्रोजेक्ट से उद्योग, निवेश, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन क्षेत्र को नई उड़ान मिलेगी। पूर्वांचल की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा।
भूमि अधिग्रहण, किसानों की सहमति और पर्यावरणीय स्वीकृतियाँ प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी चुनौतियाँ होंगी। प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है।
डीपीआर तैयार हो चुकी है। भूमि अधिग्रहण के बाद निर्माण अगले साल शुरू होगा। लक्ष्य है कि 2028 तक पूरा हाईवे चालू हो जाए।
यह सिर्फ सड़क नहीं, बल्कि पूर्वांचल के विकास की रीढ़ है—ग्रामीण इलाकों में रोज़गार, व्यापार और शिक्षा के नए रास्ते खुलेंगे।