20 साल पहले प्रेमिका कवियित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या कराने वाले पूर्वांचल(UP) के बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी अच्छे आचरण से समय से पहले जेल से रिहा हो रहे, उन्हें उम्रकैद हुई थी
UP के एक्स मिनिस्टर अमरमणि त्रिपाठी ने 7 महीने की प्रेग्नेंट मधुमिता को 9 मई 2003 को लखनऊ की पेपर मिल कालोनी स्थित उसके घर में शूटर से मरवा दिया था
DNA टेस्ट रिपोर्ट, महंगे गिफ्ट और डीप इन्वेस्टिगेशन से साबित हुआ था कि अमरमणि त्रिपाठी मधुमिता शुक्ला का इस्तेमाल सिर्फ अपनी अय्याशी के लिए करता था
देशभर में चर्चित हुए इस केस की जांच CBI ने की थी, मालूम चला कि अमरमणि त्रिपाठी ने प्रेमिका मधुमिता शुक्ला को लालबत्ती गाड़ी तक दे रखी थी
अमरमणि त्रिपाठी ने 2 बार मधुमिता शुक्ला का अबॉर्शन कराया था, जब वो तीसरी बार प्रेग्नेंट हुई, तो अबॉर्शन से मना कर दिया, तब उसे रास्ते से हटाने अमरमणि ने शूटर संतोष राय का हायर किया
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से राजनीति की शुरुआत करने वाले अमरमणि त्रिपाठी के गुरु कांग्रेस के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी थे, कभी इनका यूपी में खासा दबदबा था
मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में देहरादून के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 24 अक्टूबर 2007 को अमरमणि, पत्नी मधुमणि, भतीजे रोहित चतुर्वेदी और शूटर संतोष राय को उम्रकैद की सजा सुनाई थी
यूपी के लखीमपुर खीरी के एक कस्बे की रहने वाली मधुमिता 16 साल की उम्र से ही वीर रस की कविताओं का मंच पर पाठ करने लगी थीं, वे अपनी कविताओं के जरिये पीएम तक को खरी-खोटी सुना देती थीं