सुबह 10 बजे तक संगम में 65 लाख भक्तों ने स्नान कर लिया। हर-हर महादेव के जयकारों से पूरा प्रयागराज भक्तिमय हो गया।
ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी, भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष बैरिकेडिंग और पुलिस बल तैनात किया गया।
पड़ोसी देश नेपाल से हजारों श्रद्धालु संगम पहुंचे और महाशिवरात्रि पर आस्था की डुबकी लगाई।
प्रयागराज शहर में 25 फरवरी की शाम से वाहन प्रतिबंधित, जिससे श्रद्धालुओं को पैदल ही मेले तक पहुंचना पड़ा।
श्रद्धालुओं ने माथे पर चंदन लगाकर भगवान शिव की आराधना की, संगम में डुबकी लगाते ही "हर-हर महादेव" के जयकारे गूंज उठे!
भक्तों की आस्था को सलाम करते हुए हेलीकॉप्टर से त्रिवेणी संगम पर पुष्पवर्षा की गई, जिसने माहौल को और भव्य बना दिया।
अखाड़ों के संतों ने भव्य अंदाज में संगम में डुबकी लगाई, इस दौरान पूरा माहौल जयकारों से गूंज उठा।
अब तक के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में 67 करोड़ से ज्यादा भक्तों ने हिस्सा लिया, जो कई देशों की आबादी से भी ज्यादा है।
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