एक निजी चैनल की खबर के अनुसार, सल्टौआ गोपालपुर के करीमनगर गांव के किसान जैसराम पाल ने पारंपरिक खेती को छोड़कर बैंगन की खेती शुरू की और आज वे हर सीजन में लाखों रुपये कमा रहे हैं।
बैंगन के अलावा, जैसराम पाल अपनी खाली पड़ी जमीन में धनिया और परवल की खेती भी करते हैं, जिससे उन्हें सीजन के हिसाब से अलग-अलग फसलों से अच्छा मुनाफा मिलता है।
7 बिस्वा जमीन में बैंगन की खेती करने में 50 हजार रुपये की लागत आई, लेकिन सही देखभाल और मेहनत के दम पर उन्होंने 1 लाख से 1.25 लाख रुपये तक की कमाई की।
बैंगन की खेती जुलाई में शुरू होती है, अक्टूबर से फसल तैयार होने लगती है और फरवरी तक इसकी कटाई चलती है। इसके बाद वे परवल की खेती शुरू करते हैं।
बैंगन की खेती में मेहनत अधिक लगती है, फसल पूरी तरह मौसम पर निर्भर रहती है और मंडी में कीमतें कभी भी घट सकती हैं, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है।
जैसराम का मानना है कि पारंपरिक खेती की बजाय सीजनल सब्जियों की खेती अधिक फायदेमंद है। उन्होंने किसानों को बैंगन, परवल और धनिया उगाने की सलाह दी।
अगर आप भी खेती से अधिक कमाई करना चाहते हैं, तो पारंपरिक खेती छोड़कर सब्जियों की खेती पर ध्यान दें सकते हैं और सही प्लानिंग के साथ लाखों रुपये कमा सकते हैं।
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