प्रयागराज महाकुंभ 2025 में संगम नगरी में दुनिया भर से श्रद्धालु इस महोत्सव का हिस्सा बनने के लिए उमड़ रहे हैं। वहीं नागा सन्यासियों का अद्भुत रूप देखने को मिल रहे हैं।
सोमवार को तपोनिधि श्री आनंद अखाड़ा पंचायती का भव्य छावनी प्रवेश हुआ। इस दौरान नागा सन्यासियों की विभिन्न झलकियां देखने को मिलीं।
नागा सन्यासियों की साधना और भक्ति का स्तर अद्वितीय है। महाकुंभ में उनके अलग-अलग रूप श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
कुछ नागा सन्यासी अपने पूरे शरीर पर भभूत लपेटे हुए दिखे, तो कुछ शस्त्रों से सुसज्जित। वहीं, कुछ साधु ध्यान मुद्रा में बैठे हुए नजर आए।
सन्यासियों का यह अनोखा अंदाज न केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं को भी दर्शाता है। हर अखाड़े के छावनी प्रवेश में उपस्थिति विशेष महत्व रखती है।
नागा सन्यासियों के अनोखे रूप और अखाड़ों के भव्य छावनी प्रवेश की तस्वीरें इस महाकुंभ की अद्भुत झलक पेश करती हैं।
महाकुंभ 2025 में अखाड़ों का यह भव्य आयोजन भारतीय संस्कृति और परंपरा का उत्सव है, जो हर किसी के लिए अविस्मरणीय अनुभव साबित हो रहा है।
संगम नगरी में आध्यात्म और संस्कृति का अभूतपूर्व संगम देखने को मिल रहा है। इस महाकुंभ का एक प्रमुख आकर्षण अखाड़ों का भव्य छावनी प्रवेश और नागा सन्यासियों का अलग-अलग अंदाज है।
एक तरफ जहां पुरूष साधुओं के अलग-अलग रूप देखने को मिल रहे हैं तो वहीं महिला नागा साधुओं की झलकियां भी सबसे अलग हैं। जिनकी भक्ति की लीला का कोई ठिकाना नहीं है।