वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज का नाम आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। उनके प्रवचन देशभर में प्रसिद्ध हैं और लाखों भक्त उनके अनुयायी हैं।
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मूल नाम और जन्म
प्रेमानंद महाराज का असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में हुआ। वे एक ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते थे।
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आध्यात्मिक वातावरण में पालन-पोषण
प्रेमानंद महाराज के परिवार में हमेशा भक्ति का माहौल था। उनके दादा ने संन्यास लिया था, और पिता-भाई भी रोजाना गीता का पाठ करते थे।
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भक्तिभाव का प्रभाव
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि जब वे 5वीं क्लास में थे, तब उन्होंने गीता पढ़ना शुरू किया। इसके बाद उनकी आध्यात्मिक यात्रा ने एक नई दिशा पकड़ी।
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संन्यास और संघर्ष
13 साल की उम्र में प्रेमानंद महाराज ने ब्रह्मचारी बनने का निर्णय लिया और घर छोड़कर संन्यास की राह पर चल पड़े। उनका नाम बदलकर आर्यन ब्रह्मचारी हो गया।
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वृंदावन में समर्पण
प्रेमानंद महाराज ने वृंदावन में भगवान कृष्ण और राधारानी की सेवा में अपना जीवन अर्पित किया। वह राधा वल्लभ संप्रदाय से जुड़े और यहीं के हो गए। उनका नाम अब प्रेमानंद महाराज है।