आगरा के ताजमहल की सफेद संगमरमर की सतह अब पीली पड़ने लगी है, जिससे चिंता बढ़ गई है।
सतह पर जमी धूल के छोटे-छोटे निलंबित कण इसके रंग को बदल रहे हैं, जो आंखों से नहीं दिखते।
ये कण इतने सूक्ष्म हैं कि पानी या हवा से नहीं हटाए जा सकते, इनका आकार 100 नैनोमीटर से बड़ा होता है।
ताजमहल पर 200 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर धूल की परत है, जो मानक से 4 गुना अधिक है।
1996 में सुप्रीम कोर्ट ने 50 KM क्षेत्र को "ताज ट्रेपेजियम जोन" घोषित किया था, फिर भी हालत नहीं सुधरी।
ASI की रिपोर्ट में SPM यानी निलंबित कणों को ताजमहल के पीले पड़ने का कारण बताया गया है।
ताजमहल की सतह पर मुल्तानी मिट्टी लगाई जाती है जो धूल को सोख लेती है, फिर डिस्टिल्ड वॉटर से धोते हैं।
ASI का मानना है कि बार-बार मुल्तानी मिट्टी का लेप ताजमहल की संगमरमर सतह को नुकसान पहुंचा सकता है।
कौन हैं इंद्रजीत सरोज? जो BSP छोड़ सपा में बने अखिलेश के विश्वासपात्र
लखनऊ का ट्रैफिक अब बीते दिनों की बात! जानिए क्या है ये स्टेट कैपिटल रिंग रोड!
Lucknow के इन Coaching Centers से निकलते हैं IIT-JEE के हीरे!
Noida में Admission लेना है? ये 10 Schools सबसे ज़्यादा Demand में हैं!