2 महिलाओं को उनके पतियों ने धार्मिक पहचान छुपाकर धोखा दिया। दर्द में एक-दूसरे का साथ मिला और समाज की रेखाएं लांघते हुए दोनों ने मंदिर में शादी कर ली-रहस्य से भरी यह कहानी चौंकाएगी।
बरेली की दो महिलाओं को उनके पतियों ने धार्मिक पहचान छुपाकर धोखा दिया। इस दर्द ने उन्हें एक-दूसरे के करीब लाया और एक नया रिश्ता जन्म लिया।
27 साल आशा (अब गोलू) और 29 वर्षीय ज्योति – दोनों की मुलाकात एक फैक्ट्री में हुई, जहां उनकी दोस्ती जल्द ही गहरे रिश्ते में बदल गई। दोनों ने अपने दर्द और धोखों को साझा किया।
बरेली जिला कोर्ट के पास एक छोटे मंदिर में मंगलवार सुबह दोनों ने शादी की रस्म निभाई। यह विवाह भले ही कानूनी मान्यता प्राप्त न हो, लेकिन उनके प्रेम और विश्वास की एक मजबूत घोषणा है।
पतियों के धोखे से दोनों की जिंदगी में गहरा आघात लगा, लेकिन इससे एक-दूसरे का सहारा बन गई। गोलू दिल्ली में शिशु देखभाल केंद्र में काम करती हैं, जबकि ज्योति बदायूं की रहने वाली हैं।
वकील दिवाकर वर्मा के अनुसार, भारतीय संविधान में किसी भी दो वयस्कों को साथ रहने का अधिकार है, भले ही उनका रिश्ता समाज की परंपराओं से हटकर हो।
तीन महीनों की दोस्ती के बाद, दोनों ने एक छोटे मंदिर में शादी कर ली। यह विवाह पारंपरिक मान्यताओं को चुनौती देने वाला था।
वकील के अनुसार संविधान सभी को अपनी पसंद के साथ रहने का अधिकार देता है। ये अनोखी शादी केवल प्रेम की नहीं, बल्कि सामाजिक बंधनों को तोड़ने और नई सोच को जन्म देने वाली एक प्रेरणा है।