उत्तर प्रदेश में अब शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं को बिजली के लिए 9 और 8 रुपये प्रति यूनिट तक देने पड़ सकते हैं।
शहरी उपभोक्ताओं का फिक्स चार्ज 110 से बढ़कर 190 रु/किलोवाट और ग्रामीण उपभोक्ताओं का 90 से 150 रु/किलोवाट हो सकता है।
उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन ने 30% औसत बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा है, जिससे घरेलू बजट पर बड़ा असर पड़ेगा।
100 यूनिट तक 4.50 रु, 101-300 यूनिट 7 रु, और 300+ यूनिट पर 9 रु प्रति यूनिट चार्ज का प्रस्ताव है।
100 यूनिट तक 6.50 रु, 101-300 यूनिट 8 रु, और 300+ यूनिट पर 9 रु प्रति यूनिट देने पड़ सकते हैं।
पावर कॉरपोरेशन ने 19,644 करोड़ रु घाटा दिखाया है, जिसकी भरपाई के लिए दरें बढ़ाने की मांग की गई है।
ग्रामीण और शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को सबसे बड़ा झटका लगने वाला है, SME और खेती पर भी असर दिखेगा।
बिजली की खपत सीमित रखें, सोलर जैसे विकल्प अपनाएं और ऊर्जा बचत से बिल पर कंट्रोल करें।
अगर दरें बढ़ती हैं तो आम आदमी की जेब पर पड़ेगा सीधा असर। क्या यूपी में बिजली होगी सबसे महंगी?
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