अब स्टूडेंट्स को साइंस किताबों से नहीं, एक्सपीरियंस के ज़रिए सिखाई जाएगी, हर मंडल में बनेंगे साइंस पार्क।
प्रदेश के सभी 17 मंडलों में रीजनल साइंस सेंटर जैसी सुविधाएं मिलेंगी, जिससे पढ़ाई होगी मजेदार।
सोलर सिस्टम, न्यूटन का कैडल, मौसम केंद्र जैसे इंटरएक्टिव माड्यूल बच्चों के लिए खास आकर्षण होंगे।
आपदा प्रबंधन और ऊर्जा जैसे विषय अब थ्योरी नहीं, प्रैक्टिकल के ज़रिए सिखाए जाएंगे।
सिर्फ साइंस ही नहीं, यहां बच्चों को लाइफ स्किल्स भी सिखाई जाएंगी, जिससे वे अधिक जागरूक बनेंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित को एक साथ जोड़ा जाएगा।
इस प्रोजेक्ट में आईआईटी और लखनऊ विज्ञान केंद्र जैसे संस्थानों की मदद ली जाएगी।
हर साइंस पार्क एक एकड़ में बनेगा, जहां ओपन स्पेस और एक्टिव लर्निंग का जबरदस्त तालमेल होगा।
इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए सरकार प्रति पार्क लगभग 4 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
जहां स्कूल में जगह नहीं होगी, वहां नगर निगम की मदद से जमीन दी जाएगी ताकि प्रोजेक्ट में रुकावट न आए।
यह पहल बच्चों को रटने से हटाकर सोचने, समझने और प्रयोग करने के लिए प्रेरित करेगी, यही है असली शिक्षा।
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