वाराणसी कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसले में हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में स्थित मंदिर में हिंदू देवताओं की पूजा करने का अधिकार दिया है।
ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में स्थित इस जगह को व्यासजी का तहखाना के नाम से जाना जाता है। कोर्ट ने जिला प्रशासन को 7 दिन में पूजा की व्यवस्था करने का आदेश दिया है।
जज ए के विश्वेश ने यह आदेश मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के खिलाफ शैलेन्द्र कुमार पाठक व्यास द्वारा दायर केस में दिया है।
ज्ञानवापी मस्जिद में 4 'तहखाना' हैं। इनमें से 1 अभी भी व्यास परिवार के कब्जे में है। परिवार के लोग यहां रहते थे। यहां भगवान की प्राचीन मूर्तियां और धार्मिक महत्व की चीजें हैं।
शैलेन्द्र कुमार पाठक व्यास ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के खिलाफ केस किया था। उन्होंने कोर्ट से जिला मजिस्ट्रेट को तहखाने का रिसीवर नियुक्त करने का आग्रह किया था।
शैलेन्द्र ने अपनी याचिका में कहा था कि पुजारी सोमनाथ व्यास 1993 तक वहां पूजा-अर्चना करते थे। 1993 में अधिकारियों ने तहखाने को बंद कर दिया था।
सोमनाथ व्यास शैलेन्द्र के नाना थे। शैलेन्द्र ने कोर्ट से गुहार लगाई कि उन्हें तहखाना में प्रवेश करने और फिर से पूजा शुरू करने की अनुमति दी जाए।
शैलेन्द्र ने आरोप लगाया कि मस्जिद समिति के लोग तहखाने में आते रहते हैं। वे इस पर कब्जा कर सकते हैं।