आज हम आपको उत्तर प्रदेश की ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां लोग जीवन का मजा लेने के लिए नहीं बल्कि मरने के लिए आते हैं।
मान्यता है कि काशी का निर्माण स्वयं भगवान शंकर ने किया था। इस कारण जिसकी यहां मौत होती है। उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है।
यही कारण है कि जिन लोगों की मृत्यु निकट आ जाती है। वे काशी आकर कुछ दिन रूकते हैं। ताकि यहां मौत आने पर मोक्ष की प्राप्ति हो जाए।
वाराणसी में एक काशी लाभ-मुक्ति भवन है। जहां 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को 15 दिन के लिए कमरा मिलता है।
यहां मौत होने पर व्यक्ति जीवन मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है। उसे मोक्ष मिल जाता है। अगर 15 दिन में मौत नहीं होती है तो उससे कमरा खाली करवा लिया जाता है।
वैसे तो यहां कमरा फ्री में मिलता है। लेकिन बर्तन, गैस, चूल्हा आदि के लिए चंद रुपए चार्ज किए जाते हैं। इस भवन में कुल 10 कमरे हैं।
ये भवन 1958 में डालमिया परिवार की जड़िया देवी ने बनवाया था। ताकि यहां रूककर लोग जीवन मरण के चक्र से मुक्ति पा सकें।
काशी में मौत होने पर लोग दु:ख नहीं बल्कि खुशियां मनाते हैं। क्योंकि लोगों का मनना है कि यहां मौत होने पर जीवन मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है।