22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। इसी के साथ गर्भगृह में रामलला विराजित होंगे।
रामलला की मूर्ति को मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। उन्होंने रामलला की मूर्ति बनाने के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी।
अरुण योगीराज भारत के प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 37.3K फॉलोअर्स हैं। अरुण को मूर्तिकला उनके परिवार से विरासत में मिली है। अरुण के पिता भी कुशल मूर्तिकार हैं।
अरुण योगीराज (Arun Yogiraj) ने अब तक कई मूर्तियां बनाई हैं, जिनमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस, आदि शंकराचार्य, भगवान हनुमान की मूर्तियां शामिल हैं।
दिल्ली के 'इंडिया गेट' के पास नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 28 फीट की मूर्ति अरुण योगीराज ने ही बनाई है। केदारनाथ में गुरु आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा भी उन्होंने ही गढ़ी है।
अरुण योगीराज को अयोध्या मंदिर ट्रस्ट ने रामलला की मूर्ति बनाने के लिए भी चुना। बता दें कि अरुण योगीराज कभी प्राइवेट नौकरी किया करते थे।
MBA कम्प्लीट होने के बाद अरुण ने कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करना शुरू किया था। 9 से 5 बजे तक की जॉब से वो संतुष्ट नहीं थे। ऐसे में उन्होंने मूर्तिकला में ही अपना करियर बनाने की ठानी।
बाद में अरुण ने नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह मूर्तियां बनाने के काम में जुट गए। उन्होंने अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाया और आज देश के सबसे प्रसिद्ध मूर्तिकारों में से एक हैं।
अरुण योगीराज ने पीएम मोदी को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की एक प्रतिमा भेंट करते हुए फोटो खिंचवाई थी। ये तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी।