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न मशीन, न मजदूर...टूटते ही खुद बन जाएंगी सड़कें, कमाल की है टेक्नोलॉजी

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अपने आप बन जाएगी सड़क

इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NAHI) ऐसी टेक्नोलॉजी वाली सड़कें बनाने वाला है, जो टूटने पर अपने आप मरम्मत कर लेंगी, मतलब सेल्फ हील रोड्स।

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NHAI का प्लान क्या है

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का प्लान है कि ऐसी तकनीक वाली सड़कें जल्द बनाई जाएं, ताकि सड़कों में टूट-फूट की शिकायत बंद हो जाए और इसे बनने में ज्यादा समय भी न लगे।

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एडवांस होगी टेक्नोलॉजी

NAHI सेल्फ हील रोड्स बनाने के लिए ऐसे डामर का इस्तेमाल करेगा, जो जो सड़क के टूटने पर खुद से ही ठीक करने में सक्षम होंगी। यह काफी एडवांस टेक्नोलॉजी होगी।

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खुद से भर जाएंगे गड्ढे

इस तकनीक में स्टील एडवांस टेक्नोलॉजी प्रक्रिया से रेशे वाली सड़कें बनती है, जो टूटने-फूटने पर गर्म होकर फैल जाता है और कॉन्क्रीट के साथ खाली जगह भर देगा और रोड ठीक हो जाएगी।

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इस तरह की सड़कों के लिए कौन से मैटेरिएल

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह स्वदेशी और गैर-परंपरागत तकनीक होगी। इसमें बिटुमेन का इस्तेमाल होगा, जो गाढ़ा और चिपचिपा मिश्रण है। डामर बजरी और रेत के मिश्रण को बांधकर रखने का काम करता है

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कैसे काम करेगी टेक्नोलॉजी

जब सड़कें पुरानी होती हैं तो बिटुमिन घिसता रहता है, जिससे डामर दरारों और गड्ढों में बदल जाता है। नई टेक्नोलॉजी डामर को ठीक करने, बिटुमेन बनाए रखेगी जो गड्ढे नहीं पड़ने देगी।

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कितना आएगा खर्च

ऐसी टेक्नोलॉजी काफी महंगी होती है। इसलिए सरकार को इस टेक्नोलॉजी की कुल लागत का आंकलन करना होगा। इसके बाद देखा जाएगा कि इससे सड़कों को कितना फायदा होगा।

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नई टेक्नोलॉजी से क्या फायदा

अगर यह टेक्नोलॉजी सफल होती है तो इससे रोड रोड मेंटेनेंस का खर्चा काफी हद तक कम हो सकेगा और ट्रैफिक की समस्या भी कम होगी।

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