31 दिसंबर, 2014 तक 31,313 गैर-मुस्लिम शरणार्थी पाकिस्तान-बांग्लादेश आए थे। इनमें 25,447 हिंदू और 5,807 सिख, 55 ईसाई और दो-दो बौद्ध और पारसी धर्म के लोग थे।
केंद्र सरकार ने नागरिकता पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन बनाया है। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया है। आवेदक ऑनलाइन नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
नागरिकता की प्रक्रिया ऑनलाइन है तो आवेदक अपने मोबाइल फोन से भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
नागरिकता के लिए आवेदन करने वालों को वह साल बताना होगा, जब वे बिना दस्तावेज भारतीय सीमा में आए थे।
सीएए के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए कोई डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जाएगा। नागरिकता से जुड़े सभी पेंडिंग मामले ऑनलाइन कंवर्ट कर दिए जाएंगे।
पात्र शरणार्थियों को सिर्फ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद गृह मंत्रालय इसकी जांच करेगा और नागरिकता दे दिया जाएगा।
सीएए से किसी को कोई नुकसान नहीं है। किसी भी भारतीय की नागरिकता भी इससे प्रभावित नहीं होगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहले ही इसे लेकर स्पष्ट कर चुके हैं।