इजराइल की पहचान दुनिया में 'स्टार्ट अप नेशन' के तौर पर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वहां 6,000 से ज्यादा हाईटेक कंपनियों का स्टार्टअप है और कई अभी आने वाले हैं।
इजराइल में स्टार्टअप के जरिए मोबाइल फोन की कुछ तकनीक से लेकर जीपीएस, क्विक मैसेज, वॉयसमेल, इंजेस्टिबल वीडियो कैमरा, एंटी-वायरस जैसे आविष्कार हुए हैं।
इजराइल में प्रति व्यक्ति स्टार्टअप की संख्या में दुनिया में सबसे ज्यादा है। वहां प्रत्येक 1,400 लोगों पर करीब एक स्टार्टअप है। यानी हर 1400 में एक शख्स किसी कंपनी का मालिक है।
इजराइल आंत्रप्रेन्योर को फंडिंग और स्टार्टअप पूंजी पाने में मदद करने के साथ इसके लिए पहल और कई कार्यक्रम का आयोजन करता है। जिससे ज्यादा से ज्यादा फंडिग मिल सकती है।
इजराइल की टेक्नोलॉजी दुनिया में काफी आगे है। इकोनॉमी में टेक्नोलॉजी का अहम योगदान है। वहां प्रति व्यक्ति घरेलू कंप्यूटर का प्रतिशत भी दुनिया में सबसे ज्यादा है।
इजराइल अपनी कुल जीडीपी का करीब 5 प्रतिशत टेक्नोलॉजी पर खर्च करता है। 2019 में ब्लूमबर्ग इनोवेशन इंडेक्शन में दुनिया का पांचवा सबसे इनोवेटिव देश माना गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2023 में आईटी सर्विसेज मार्केट से इजराइल को करीब 56,600 करोड़ रुपए रेवेन्यू का अनुमान है।
इजराइल में इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट, ऐप्पल, फेसबुक, आईबीएम, गूगल, एचपी, सिस्को सिस्टम्स और मोटोरोला जैसी 400 से ज्यादा हाईटेक मल्टी-नेशनल कंपनियों का R & D सेंटर है।
इजराइल की इकोनॉमी में टेक्नोलॉजी निर्यात का बहुत बड़ा योगदान है। वह दुनिया में कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सप्लाई करता है। वहां, हाई टेक्नोलॉजी हब 'सिलिकॉन वॉडी' भी है।