1951 की जनगणना के मुताबिक, तब मुसलमानों की आबादी 3.5 करोड़ थी, जो संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष(UNFPA) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार बढ़कर 17.2 करोड़ हो गई है
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष(UNFPA) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार 1950 की जनगणना के हिसाब से भारत में हिंदुओं की आबादी 30 करोड़ से बढ़कर 96 करोड़ हो गई है
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष(UNFPA) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार 1950 की जनगणना के हिसाब से भारत में ईसाइयों की आबादी 80 लाख से बढ़कर 2.8 करोड़ पहुंच गई है
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष(UNFPA) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार भारत की आबादी में इस समय 40% हिस्सेदारी 25 साल से कम उम्र की है
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष(UNFPA) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार केरल और पंजाब में बुजुर्ग आबादी ज्यादा है, जबकि बिहार और उत्तर प्रदेश में युवा आबादी अधिक
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष(UNFPA) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की जनसंख्या 142.86 करोड़ हो गई है, जबकि चीन की आबादी 142.57 करोड़ है
UNFPA 1950 से जनसंख्या का हिसाब रख रहा है। भारत में पहली जनगणना 1951 में हुई थी, तब आबादी 36 करोड़ थी
UNFPA की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सबसे ज्यादा आबादी 10-24 एज ग्रुप वालों की है, 68 फीसदी जनसंख्या 15-64 आयु वर्ग की है