दुनिया में पहले दारू आई। शराब बनाने के प्रमाण मेसोपोटामिया (लगभग 4000 ईसा पूर्व) से मिलते हैं, जहां लोग फर्मेंटेड ड्रिंक्स पीते थे।
मिस्र, ग्रीस, भारत में भी प्राचीन सभ्यताओं में शराब बनाई जाती थी, लेकिन उस समय इसे बिना किसी चखने के ही पिया जाता था।
चखना काफी बाद में आया, जब जब लोगों को एहसास हुआ कि खाली पेट शराब पीने से शरीर पर असर ज्यादा होता है, तब उन्होंने कुछ खाने की जरूरत महसूस की।
कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 1938 में अमेरिकी शहर न्यू ऑरलियंस में पहली बार कस्टमर्स को फ्री लंच दिया गया, जहां ड्रिंक ऑर्डर करने वाले शख्स को फ्री खाना मिलता था।
न्यू ऑरलियंस में शराब के साथ फ्री में खाना देने का मकसद पीने वालों को लुभाना था। हालांकि पीने के साथ स्नैक्स खाने का मकसद इसके प्रभाव को कम करने के साथ स्वाद में बैलेंस भी लाना था।
मध्य युग में यूरोप में शराब के साथ ब्रेड, चीज और मीट का कॉम्बिनेशन बहुत पुराना है। धीरे-धीरे इसमें मसालेदार स्नैक्स, मूंगफली, भुजिया और तंदूरी आइटम जुड़ गए।
अमेरिका और यूरोप के बाद भारत में राजाओं और नवाबों की महफिलों में धीरे-धीरे कबाब, सूखे मेवे और नमकीन स्नैक्स चखने के तौर पर शामिल होने लगे।
पंजाब और उत्तर भारत में चखना शब्द खास तौर पर शराब के साथ खाए जाने वाले स्नैक्स के लिए इस्तेमाल किया गया। यहीं से ये शब्द काफी प्रचलित हुआ।