हाथी की सूंड में हड्डियाँ नहीं होतीं, इसमें 150,000 से अधिक मस्ल्स होती हैं, जो इसे बेहद लचीला बनाती हैं। हाथी इससे चावल के दाने को भी उठा लेता है।
हाथी के लिए महज 2 से 3 घंटे की नींद पर्याप्त होती है। ये विशालकाय जीव हमेशा चलने का आदी होता है। झपकियों में अपनी थकान मिटा लेता है।
मादा हाथी की प्रेगनेंसी 22 महीने का होती है, ये किसी भी जानवर के गर्भकाल में सबसे ज्यादा टाइम है।
हाथी पानी की स्मैल को 4.5 किलोमीटर की दूरी से भी सूंघ सकता है। गर्मियों में पानी खोजते हुए इंसानी बस्तियों में आ जाता है ।
हाथियों के कान बेहद खास होते हैं। अफ्रीकी हाथियों की नस्ल के कान सबसे बड़े होते हैं, इससे वे बॉडी टेम्परेचर को कंट्रोल करते हैं।
इंसानों की तरह हाथी भी सोशल होते हैं। वे बच्चों को लेकर बेहद पजेसिव होते हैं। झुंड के किसी मेंबर की मौत हो जाता है तो वे मिलकर शोक मनाते हैं। इस दौरान अजीब तरह से चिंघाड़ते हैं।
हाथी बिना थके, बिना रुके काफी लंबी दूरी तक तैर सकते हैं, वे अपनी सूंड को पानी के बाहर रखते हैं, जिससे उन्हें सांस लेने में आसानी होती है।
हाथी भी राइट और लेफ्ट हैंडेड होते है, वे सूंड के इस्तेमाल में 'राइट' या 'लेफ्टी' होते हैं।
हाथी उछलकर या कूदकर नहीं चल सकते हैं, वे एक बार में चारों पैर नहीं उठा सकते।
जानवरों में हाथी का दिमाग सबसे बड़ा होने के साथ सबसे ज्यादा विकसित भी होता है। वे बुध्दिमान होते हैं, लंबे समय तक किसी भी बात को याद रख सकते हैं। और इमोशनल भी होते हैं।