पृथ्वी पर मौजूद समस्त जीवों में समुद्री घोड़े ही ऐसा नर है जो बच्चों को जन्म देता है।
नर समुद्री घोड़े के पेट पर एक खास थैली होती है, जिसे ब्रूड पाउच कहा जाता हैं।
समुद्री घोड़े की मादा अंडों को नर की थैली ( ब्रूड पाउच ) में लाकर रखती है, इसके बाद नर उन अंडों को निषेचित करता है।
नर हीं अंडों की सेफ्टी और सिक्योरिटी का काम करता है। वो थैली के अंदर का टेम्परेचर कंट्रोलत करता है, इससे अंड़ों का ठीक से विकास होता है।
समुद्री घोड़े में गर्भावस्था की टाइमिंग उनकी प्रजातियों के आधार पर चेंज होती है। ये 10 से 25 दिन तक हो सकती है।
एक बार में नर समुद्री घोड़ा 100 से 1000 तक बच्चे तक पैदा कर सकता है।
समुद्री घोड़े को अपनी थैली में पल रहे बच्चों के प्रोग्रेस की पूरी जानकारी होती है। पूर्ण विकसित हो जाने के बाद ही वो उन्हें थैली से बाहर निकालता है।
जन्म के तत्काल बाद बच्चे इंडीपेंडेंट हो जाते हैं । वे अपना भोजन खुद ही तलाशते हैं। उन्हें मां या पिता के केयर की जरुरत नहीं होती है।
समुद्री घोड़े की यह प्रजनन प्रोसेस बेहद अनोखी और जटिल होती है। ये समुद्री लाइफ की विविधता और विकास की अनोखी मिसाल है।
समुद्री घोड़े की कुछ प्रजातियाँ जलवायु परिवर्तन और समुद्री प्रदूषण ( Climate change, marine pollution ) की वजह से विलुप्ती की कगार पर हैं, जिन्हें संरक्षण करने की जरुरत है।