वायनाड में लैंडस्लाइड में अब तक 319 मौतें हो चुकी हैं। रेस्क्यू टीम को लगातार लाशें मिल रही हैं। इस बीच पुलिस ने इन क्षेत्रों में न जाने और डार्क टूरिज्म को लेकर चेतावनी जारी की है
अब खूबसूरत लोकेशन पर घूमने का ट्रेंड अब पुराना हो चुका है। दुनिया में एक बड़ी आबादी किसी बड़ी आपदा या तबाही वाले इलाके में घूमना पसंद कर रहे हैं। इसे ही डार्क टूरिज्म कहा जाता है।
डार्क टूरिज्म में लोग हिंसा या तबाही वाले जगह जाकर पीड़ा और डर महसूस करते हैं। कभी-कभी किसी हादसे के तुरंत बाद उस जगह को देखना चाहते हैं। केरल पुलिस की भी यही चिंता है।
यूक्रेन में चेर्नोबिल जगह है, जहां 1986 में न्यूक्लियर हादसा हुआ। वहां आज भी खतरा बना है। गंभीर बीमारी या मौत हो सकती है लेकिन लोग वहां जाते हैं, यहीं से डार्क टूरिज्म फेमस हुआ।
भारत में ज्यादातर लोग डार्क टूरिज्म के लिए लोग पोर्ट ब्लेयर के सेल्यूलर जेल, उत्तराखंड की रूपकुंड झील और जैसलमेर के कुलधरा जैसी जगह जाते हैं।
अंडमान निकोबर द्वीप में सेल्यूलर जेल में काला पानी की भयानक सजा दी जाती थी।रूपकुंड झील में कई कंकाल मिले थे। कुलधरा गांव को लेकर कहा जाता है कि एक रात गांव के सभी लोग गायब हो गए थे