अजरबैजानी लोगों की परंपरा है कि बुढ़ापे के लिए बचत नहीं करते हैं। यहां को लोग सोने की चमचमाते दांत लगवाते हैं। इस देश में कई लोग इन दातों को ही अपना सेविंग अकाउंट मानते हैं।
अजरबैजानी अपने नवजात बच्चों को नमक के पानी से नहलाते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से बच्चे मजबूत होंगे और ताकतवर बन जाएंगे।
अजरबैजान में नवजात बच्चों के नाखून और बाल एक साल पूरा होने के बाद ही काटे जाते हैं। वहां की परंपरा के अनुसार, इससे पहले नाखून-बाल नहीं काट सकते हैं।
अजरबैजान की राजधानी बाकू में बहुत छोटी-छोटी किताबों का म्यूजियम बना है।इसे म्यूजियम ऑफ द ड्वॉर्फ बुक कहते हैं।इसमें 2 mm x 2 mm की किताबें हैं, जिन्हें माइक्रोस्कोप से पढ़ा जाता है
पश्चिमी अजरबैजान में अनोखा गुफा है, जो सबसे नीची गुफाओं में है। पुरातत्वविदों ने जो उपकरण मिले, उनके 15 लाख साल पुराना होने का दाववा है। माना जाता है करीब 20 लाख लोग इनमें रहते थे।
अजरबैजान के गोबुस्तान क्षेत्र में दुनिया में सबसे ज्यादा ज्वालामुखी हैं, जिनमें से मिट्टी, पानी, गैसों का मिश्रण निकलता है। इस मिट्टी से नहाने से स्किन अच्छी, तनाव दूर होता है।
अजरबैजान की राजधानी बाकू में छोटा वेनिस है, जहां की दुकानें, रेस्त्रां और मनोरंजन वाली जगहें तैरती हुई हैं। यहां कई द्वीपो को पैदर रास्तों और पुलों से जोड़ा गया है।
अजरबैजान में रोटी को बहुत पवित्र माना जाता है। अगर जमीन पर गिर जाए तो तुरंत उठाकर चूमते हैं। रोटी को कूड़ेदान में फेंकते नहीं। पेड़ या ऊंची जगह टांग देते हैं, ताकि पैर पर न पड़े।
अजरबैजान में चाय पीने का अनोखा तरीका है। चाय की चुस्की लेने से पहेल चीनी के टुकड़े या जैम का टुकड़ा लेकर मुंह में रखते हैं, फिर चाय पीते हैं, इससे उसका स्वाद अनोखा हो जाता है।
अजरबैजान में शादियां शक्कर यानी चीनी पर तय होती हैं, जो भारत में 40-45 रु Kg हैं।शादी की बातचीत में अगर ट्रे में चाय दी जाए और चीनी नहीं तो मतलब दूसरा पक्ष शादी के लिए राजी नहीं है