अमेरिका के पास दुनिया की सबसे बड़ा न्यूक्लियर डिफेंस सिस्टम है। उसके पास 5,177 परमाणु हथियार हैं। ट्रंप के बयान से माना जा रहा यूएस फिर न्यूक्लियर टेस्टिंग शुरू कर सकता है।
रूस के पास सबसे ज्यादा स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर वेपंस हैं। इसकी संख्या 5,459 है। रूस की न्यूक्लियर ताकत को सबसे खतरनाक मानी जाती है क्योंकि इसके पास एडवांस्ड मिसाइल सिस्टम भी हैं।
चीन तेजी से अपने न्यूक्लियर वेपन्स बढ़ा रहा है। उसके पास कुल 600 परमाणु हथियार हैं। SIPRI का कहना है कि आने वाले कुछ सालों में चीन फ्रांस और यूके को पीछे छोड़ सकता है।
फ्रांस के पास यूरोप की सबसे मजबूत परमाणु फोर्स है। उसके पास 290 परमाणु हथियार हैं। वह अपने हथियारों को पूर्ण रूप से स्वतंत्र नियंत्रण में रखता है और NATO की परंपरागत कमान से अलग है
यूके के पास 225 परमाणु हथियार हैं। ब्रिटेन का कहना है कि ये हथियार सिर्फ अंतिम रक्षा के तौर पर हैं।
भारत का न्यूक्लियर प्रोग्राम पूरी तरह रक्षा-आधारित (Defensive) है। भारत की नीति पहले न इस्तेमाल करने की है। इंडिया के पास कुल 180 परमाणु हथियार हैं।
पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं। ट्रंप के ताजा बयान के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या वाकई पाकिस्तान गुप्त परीक्षण कर रहा है। हालांकि इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
इजरायल ने कभी सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार नहीं किया कि उसके पास परमाणु हथियार हैं, लेकिन SIPRI सहित कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स बताती हैं कि उसके पास करीब 90 न्यूक्लियर वेपंस हैं।
उत्तर कोरिया खुले तौर पर न्यूक्लियर टेस्टिंग करने वाला देश है। उसके पास 50 परमाणु हथियार हैं। किम जोंग उन सरकार अक्सर दुनिया को चेतावनी देती रहती है कि उसके पास तैयार परमाणु बम हैं
SIPRI (Stockholm International Peace Research Institute) की जनवरी 2025 की रिपोर्ट।