मंगलवार, 18 फरवरी की सुबह इजराइल ने गाजा पर एक बार फिर से एयरस्ट्राइक की। इस हमले में 400 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है। इस हमले के साथ सीजफायर भी टूट गया है।
इजराइल का दावा है कि हमास आतंकी हमले की प्लानिंग कर रहे थे, जिसे उसने निशाना बनाया है। हमास, इजराइल का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है। यह 1987 में बना, 2007 से गाजा में सक्रिय है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, हमास के पास 25000 लड़ाके हैं। इन्हें ड्रोन से मिसाइल चलाना तक आता है। अक्टूबर 2023 में हमास लड़ाकों ने इजराइल का सुरक्षा घेरा तोड़कर 1,200 लोगों को मार डाला था
फोर्ब्स के अनुसार, हमास हर साल करीब 700 मिलियन डॉलर यानी 600 करोड़ रुपए जुटा लेता है। यह पैसा चंदा, लेवी के जरिए आता है। इन पैसों से हथियार आता है, लड़ाकों की ट्रेनिंग होती है।
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, हमास को मिस्र, जॉर्डन, ईरान जैसे देशों से आर्थिक मदद मिलती है। इजराइली मीडिया की रिपोर्ट्स की माने तो हमास लड़ाके, इजराइल से हथियार चोरी-तस्करी करते हैं।
हमास अपने लड़ाकों को मंथली सैलरी नहीं देता है। वह तीन तरह से पैसों को लड़ाकों में बांटता है। ट्रेंड लड़ाके और उसकी फैमिली का पूरा खर्च संगठन उठाता है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर लड़ाई के दौरान हमास का कोई लड़ाका मारा जाता है तो उसके परिवार को संगठन की तरफ से करीब 16 लाख रुपए दिए जाते हैं। उन्हें रहने के लिए घर भी दिया जाता है।
हमास कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर लड़ाके को भर्ती करता है। इजराइल रक्षा विभाग के अनुसार, एक इजराइली नागरिक को गाजा पकड़कर ले जाने के लिए 8 लाख रुपए और एक घर या फ्लैट देता है।