ईरान में सख्त हिजाब कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए कपड़े उतारने वाली एक महिला इन दिनों चर्चा में है। ईरान महिलाओं के लिए सबसे सख्त कानून वाले देशों में से एक है।
ईरान में अवैध संबंध के मामले में पति पत्नी का गला काट सकता है। हिजाब न पहनने या गलत तरीके से पहनने के चलते महिला को पुलिसकर्मी पीट सकते हैं। उसे जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है।
ईरान में लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 13 साल है। परिजन और कोर्ट की अनुमति से इससे भी छोटी लड़की की शादी की जा सकती है। यहां बड़े पैमाने पर बाल विवाह होता है।
महिला को शादी के लिए पिता की अनुमति लेनी होती है। कोर्ट पिता के इनकार को खारिज कर सकता है। पति पत्नी को नौकरी करने या विदेश जाने से रोक सकता है।
ईरान में एक मर्द कई महिलाओं से शादी कर सकता है। पुरुष एक निश्चित अवधि के लिए जितनी मर्जी हो उतनी महिलाओं से अस्थायी विवाह कर सकता है।
पति जब चाहे पत्नी को तलाक दे सकता है। महिलाओं के पास पति को तलाक देने का सीमित अधिकार है।
लड़कियों को 9 साल (चंद्र वर्ष) की उम्र से गंभीर अपराधों के लिए आपराधिक रूप से जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। लड़कों को 15 साल तक जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
महिला और पुरुष की जान की कीमत भी अलग-अलग है। महिला की हत्या हो तो पीड़ित परिवार को दिया जाने वाला "ब्लड मनी" मुआवजा पुरुषों के लिए दिए जाने वाले मुआवजे से आधा होता है।
यौन उत्पीड़न को अलग अपराध नहीं माना जाता है। पीड़िता को साबित करना पड़ता है कि उसके साथ रेप हुआ है। ऐसा नहीं होने पर उसे सजा मिल सकती है।
अगर कोई पुरुष अपनी पत्नी को दूसरे मर्द के साथ गलत स्थिति में देख ले और उसकी हत्या कर दे तो उसे सजा में छूट मिलती है।
घरेलू हिंसा के आधार पर तलाक लेने के लिए महिला को पति द्वारा असहनीय स्तर का दुर्व्यवहार साबित करना होता है।
महिलाएं जज नहीं बन सकतीं। सीनियर राजनीतिक भूमिका नहीं मिलती। चुनाव में उम्मीदवार बनने से रोका जाता है। सचिव और ऑफिस मैनेजर या रेस्तरां और कैफे में काम करने से रोका जाता है।