म्यांमार-थाइलैंड में 28 मार्च की दोपहर आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई। कई इमारतें ताश के पत्तों की तरह बिखर गईं।
म्यांमार की राजधानी नेपीडॉ में 1000 बेड वाला एक अस्पताल देखते-देखते कब्रिस्तान बन गया। ये शहर के सबसे बड़े अस्पतालों में शुमार था।
भूकंप के चलते अस्पताल में एडमिट लोगों के बड़ी संख्या में मरने का अंदेशा है। इसके अलावा सैकड़ों लोग जख्मी हुए हैं। मरीजों को अस्पताल के बाहर ही इलाज दिया जा रहा है।
इसके अलावा म्यांमार के मांडले शहर में स्थित एक मस्जिद भरभराकर ढह गई, जिसके मलबे में दबने से 10 लोगों की मौत हो गई। वहीं, सैकड़ों लोग घायल हैं।
इसके अलावा म्यांमार में इरावदी नदी पर बना 51 साल पुराना पुल भी पूरी तरह ढहकर पानी में गिर गया। कई मंदिरों और बौद्ध धर्मस्थलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
बैंकॉक के चतुचक एरिया में एक 30 मंजिला अंडरकंस्ट्रक्शन बिल्डिंग ढह गई, जिसमें 80 से ज्यादा लोगों के दबे होने की आशंका है। इसमें 400 लोग काम कर रहे थे।
म्यांमार के लोगों का कहना है कि ये अब तक का सबसे विनाशकारी भूकंप है, जिसने लोगों को संभलने का मौका ही नहीं दिया। भूकंप के बाद भी कई झटके महसूस किए जा रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, म्यांमार-थाइलैंड में भूकंप के चलते अब तक 23 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। सिर्फ म्यांमार में ही 300 से ज्यादा लोग घायल हैं।
भूकंप के चलते मची दहशत में एक शख्स बिना कपड़ों के ही जान बचाने के लिए सड़क पर भागा।