कोरोना के बाद अब उससे भी खतरनाक बीमारी ने दस्तक दे दी है। जापान में अब तक इस बैक्टीरिया की चपेट में 977 लोग आ चुके हैं।
ये बैक्टीरिया इतना खतरनाक है कि मरीज के शरीर में पहुंचकर उसका मांस खाने लगता है। इसकी चपेट में आने के 48 घंटे में मरीज की मौत हो जाती है।
इस जानलेवा बीमारी का नाम स्ट्रेप्टोकॉकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (STSS) है। ये बीमारी ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकॉकस (GAS) बैक्टीरिया से होती है। जापान के सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है।
इस बीमारी से संक्रमित लोगों में सबसे पहले सूजन और गले में खराश होती है। इसके अलावा बॉडी पेन, बुखार, BP कम होना, सांस लेने में तकलीफ और मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर से मौत हो जाती है।
जापान की महिला डॉक्टर केन किकुची ने लोगों से बार-बार हाथ धोने और खुले घावों का तुरंत इलाज कराने को कहा है। बीमारी से बचने के लिए इसकी जल्दी पहचान, देखभाल और तुरंत इलाज जरूरी है।
डॉक्टरों का कहना है कि STSS से निपटने के लिए बाजार में J8 नाम की वैक्सीन मौजूद है, जो शरीर में एंटीबायोटिक्स बनाती है। ये बीमारी एक शख्स से दूसरे में फैलती है।
बैक्टीरिया शरीर में घुसने के बाद जहरीला पदार्थ बनाता है, जिससे जलन होती है। फिर ये टिशू को डैमेज करने लगता है, जिससे सूजन होती है। बाद में टिशू मरीज के मांस को खाने लगते हैं।
स्ट्रेप्टोकोकस बीमारी अब यूरोप के 5 देशों तक फैल चुकी है। इनमें ब्रिटेन, फ्रांस, आयरलैंड, नीदरलैंड और स्वीडन भी शामिल है। यहां इस बैक्टीरिया ने सबसे ज्यादा बच्चों को अटैक किया है।