इजराइल-हमास जंग के बीच तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान हाल ही में मिस्र पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी से मुलाकात की।
Gaza संकट पर इजराइल के खिलाफ मिस्र को साधकर दुनिया का खलीफा बनने की ख्वाहिश लिए तुर्की के राष्ट्रपति को तब करारा झटका लगा, जब उन्हें इस मुद्दे पर कोई भाव नहीं मिला।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान चाहते थे कि हमास-इजराइल जंग के बीच मिस्र को इजराइल के खिलाफ कर अपना मतलब साधेंगे, लेकिन मिस्र ने उनके इस मंसूबे पर पानी फेर दिया।
मिस्र ने साफ कह दिया कि वो तुर्की को Gaza में बेवजह हस्तक्षेप करने का कोई मौका नहीं देगा। बता दें कि मिस्र इजरायल का दोस्त है और तुर्की कई देशों को इजराइल के खिलाफ करना चाहता है।
तुर्की को इजराइल के खिलाफ बयानबाजी में कतर जैसे इस्लामिक मुल्क का भी साथ मिल रहा है। कतर इसलिए तुर्की का साथ दे रहा है, क्योंकि मिस्र से उसका 36 का आंकड़ा है।
इजरायली अखबार हैरित्ज के मुताबिक, तुर्की के राष्ट्रपति बड़ी उम्मीदों के साथ मिस्र पहुंचे थे, लेकिन काहिरा में उनके सारे मंसूबों पर पानी फिर गया। मिस्र ने तुर्की को भाव नहीं दिया।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन जहां इजराइल को लेकर हमलावर रहते हैं, वहीं मिस्र के राष्ट्रपति सीसी इजरायल के अच्छे दोस्त हैं। वो किसी कीमत पर अपने पड़ोसी को नाराज नहीं करना चाहते।
बता दें कि इजराइल के हमले के बाद गाजा के लाखों विस्थापित लोग मिस्र के रॉफा बॉर्डर पर डटे हुए हैं। हालांकि, इजराइल ने अब भी गाजा पर हमले बंद नहीं किए हैं।
इजराइल के हमले में अब तक गाजा में 28000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, वहीं 70,000 घायल हैं। वहीं, हमास के हमले में 1500 इजराइलियों की जान गई है।