सीरिया में बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल कर विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम का कब्जा हो गया है। वहीं, बशर देश छोड़कर भाग चुके हैं।
विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (HTS) की कमान अबु मोहम्मद अल जुलानी के पास है। कौन है जुलानी और कैसे इसने इतना बड़ा गुट बनाया, जिसने सीरियाई राष्ट्रपति को भागने पर मजबूर किया।
अल जुलानी का जन्म 1982 में सऊदी अरब में हुआ। उसके पिता पेट्रोलियम कंपनी में इंजीनियर थे। वो 7 साल तक सऊदी में रहा, लेकिन बाद में परिवार सीरिया शिफ्ट हो गया।
2003 में 21 साल की उम्र में अल जुलानी ने अल-कायदा ज्वॉइन कर लिया। बाद में 2011 में उसने अपना अलग संगठन बनाया, जिसे जबहात-अल-नुसरा नाम दिया।
आगे चलकर अल जुलानी ने अपने इस ग्रुप का नाम हयात तहरीर अल-शाम कर दिया। बता दें जुलानी जब अलकायदा में था, तो उसने अबु बक्र अल-बगदादी के साथ भी काम किया।
2018 में अमेरिका ने अल-जुलानी के ग्रुप हयात तहरीर अल-शाम को आतंकी संगठन घोषित किया। इसके साथ ही उस पर 10 मिलियन डॉलर (84 करोड़ रुपए) का इनाम भी रखा।
अल-जुलानी ने अपनी छवि सुधारने के लिए कहा- मैं बेगुनाहों को नहीं मारना चाहता। इसके बाद उसने सीरिया के इदलिब में अपनी पोजिशन मजबूत करनी शुरू की।
अल-जुलानी का कहना है कि वो सीरिया में ऐसा माहौल चाहता है, जहां जनता अपना नेता खुद चुन सके। दमिश्क पर कब्जे के बाद अब जुलानी खुद को पॉलिटिकल लीडर के तौर पर पेश करना चाहता है।