सार
इस ब्लास्ट में हताहतों की संख्या का अभी पता नहीं चल सका है। ब्लास्ट के साथ ही अंधाधुंध फायरिंग की भी आवास सुनी गई है। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है।
Kabul Blast: अफगानिस्तान की राजधानी में सोमवार को एक गेस्ट हाउस के पास तेज धमाका के साथ ब्लास्ट हुआ है। जिस गेस्ट हाउस के पास ब्लास्ट हुआ वह चीनी कारोबारियों के ठहरने का सबसे लोकप्रिय जगह है। ब्लास्ट के साथ ही अंधाधुंध फायरिंग की भी आवास सुनी गई है। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। सोमवार की देर शाम तालिबान ने बताया कि तीन हमलावरों ने होटल में घुसकर हमला किया था। तालिबानी फोर्स ने तीनों हमलावरों को मार गिराया है। उधर, इस घटना में दो विदेशी नागरिक भी घायल हुए हैं।
ब्लास्ट की आंखों देखी चश्मदीद की जुबानी
काबुल गेस्ट हाउस में हुए ब्लास्ट के बारे में एक चश्मदीद ने बताया कि धमाका बहुत तेज था। धमाका के बाद तेज गोलीबारी हुई। तालिबान के एक अधिकारी के अनुसार करीब तीन संख्या में हमलावरों ने होटल में घुसकर गोलीबारी की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार होटल में हमले के दौरान काफी गोलीबारी की आवाज सुनाई देने के अलावा बिल्डिंग के एक हिस्से में आग और धुंआ भी दिखा। कुछ चीनी नागरिकों के होटल में फंसे होने की बात कही गई थी। हालांकि, देर शाम को तालिबान ने स्थितियां फिर से सामान्य होने का दावा किया। तालिबान की ओर से बताया गया कि होटल पर हमला करने वाले हमलावरों को मार गिराया गया है।
बड़ी संख्या में चीनी व्यापारी गेस्ट हाउस में ठहरते
काबुल के प्रमुख व्यवसायिक क्षेत्रों में एक शहर-ए-नव है। तालिबान की पिछले साल अफगानिस्तान में हुई सत्ता वापसी के बाद चीनी बिजनेसमेन की गतिविधियां तेज हो गई हैं। बड़ी संख्या में चीनी व्यापारी अफगानिस्तान में डेरा डाले हुए हैं। काबुल लोंगन होटल एक मल्टीस्टोरी कांप्लेक्स है। यह होटल चीन के व्यापारियों के बीच खासा लोकप्रिय है। तालिबान सत्ता आने के बाद चीन की व्यापारिक गतिविधियां तेज हुई हैं और इस होटल में भीड़ लगी रह रही है। हालांकि, चीन ने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है लेकिन अपना दूतावास काबुल में खोल रखा है।
तालिबान सुरक्षा में सुधार की कर रहा दावा
अफगानिस्तान में सरकार बनाने के बाद तालिबान लगातार सुरक्षा व्यवस्था में सुधार का दावा कर रहा है। हालांकि, तालिबान शासन में लगातार बम धमाके और गोलीबारी आम बात है लेकिन यह किसी अंतरराष्ट्रीय गुट नहीं बल्कि आईएस-के की गतिविधियों का नतीजा है। ISIS-K तालिबान शासन होने के बाद देश में लगातार बम धमाकों को अंजाम दे रहा है। काबुल में पिछले 5 महीनों के दौरान 6 बड़े धमाके हो चुके हैं, जिनमें अब तक 181 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, इन बम धमाकों में कई संगठनों का हाथ रहा है।
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